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एक्ट्रेस को याद आया 'ओम शांति ओम' का दौर, बोलीं- लोग मेरा मजाक उड़ाते थे, कहते थे मॉडल एक्टिंग नहीं कर सकती
दीपिका पादुकोण की मानें तो 2007 में जब उनकी पहली फिल्म 'ओम शांति ओम' रिलीज हुई थी, तब लोगों ने उनका बहुत मजाक उड़ाया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में अपना दर्द बयां करते हुए कहा, "ऐसे लोगों का भी एक वर्ग था, जिन्होंने मेरे काम की तीखी आलोचना की थी। ओह वह तो मॉडल है, वह एक्टिंग नहीं कर सकती। मेरे एक्सेंट का मजाक उड़ाया गया। मेरे और मेरी एक्टिंग के बारे में बहुत कुछ लिखा गया और सच्चाई यह है कि इससे बहुत तकलीफ होती थी। जब आप सिर्फ 21 साल के होते हैं, तब इस तरह के रोड़े आपको बहुत प्रभावित करती हैं।"
आलोचना ने प्रेरित करने का काम किया
दीपिका की मानें तो इस आलोचना ने उन्हें नकारात्मक रूप से प्रभावित नहीं किया। बल्कि उन्होंने इसके बाद अपने काम को बेहतर बनाने पर फोकस किया। इंडिया टुडे से बातचीत में एक्ट्रेस ने आगे कहा, "आलोचना ने मुझे प्रेरित किया। इसने मुझे कड़ी मेहनत करने और अपने कौशल को निखारने के लिए प्रेरित किया। सबसे जरूरी इसने मुझे व्यक्तिगत विकास के लिए बढ़ावा दिया। असफलता ने भी मुझे बहुत कुछ सिखाया।"
शाहरुख, फराह ने शूट के दौरान गाइड किया
दीपिका ने इस बातचीत में बताया कि शाहरुख खान और डायरेक्टर फराह खान ने पूरे शूट (ओम शांति ओम के) के दौरान उन्हें गाइड किया था। वे कहती हैं, "कुछ साल मॉडलिंग में गुजारने के बाद मुझे फिल्म में बड़ा ब्रेक मिला। जब मुझे ओम शांति ओम मिली, तब मैं 19 साल की थी।" वे आगे कहती हैं, "मैं बेहद कच्ची और अनजान थी। लेकिन शाहरुख खान और फराह खान ने मेरा हाथ थामा और पूरी प्रोसेस में मेरा मार्गदर्शन किया।"
दीपिका को ओम शांति ओम मिलने की कहानी
फराह खान अपनी फिल्म के लिए नया चेहरा तलाश रही थीं। उन्होंने अपनी दोस्त मलाइका अरोड़ा से मदद मांगी। फराह ने मलाइका से कहा कि वे उन्हें शाहरुख के अपोजिट किसी नई मॉडल का नाम सुझाएं। जब मलाइका ने इस बारे में अपने दोस्त डिजाइनर वेंडेल रोड्रिक्स बताया तो उन्होंने दीपिका पादुकोण को फिल्म में कास्ट करने की सलाह दी। दीपिका ने उस वक्त वेंडेल के लिए लैक्मे फैशन वीक में वॉक किया था।
वेंडेल रोड्रिक्स ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बारे में कहा था, "मैंने लैक्मे फैशन वीक का कलेक्शन दिखाया और यह दीपिका के लिए गेम चेंजर साबित हुआ। फराह खान ने मेरी दोस्त मलाइका को शाहरुख के अपोजिट नए चेहरे की सलाह मांगी थी। उस वक्त फिल्म का वर्किंग टाइटल 'ओम शांति ओम' नहीं था। मैंने दीपिका का नाम सुझाया, जिन्हें तब मॉडलिंग में आए दो साल ही हुए थे। मलाइका को दीपिका पसंद आईं और उन्होंने उन्हें फराह खान को रिकमंड कर दिया।"
किस्मत और मौके का अहम रोल
दीपिका पादुकोण की मानें उन्हें 'ओम शांति ओम' दिलाने में किस्मत और मौके का अहम रोल रहा। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "मैं मुंबई आ गई। मेरी जिंदगी में अनिल आनंद थे, जिन्होंने मुझे इस दिशा में धकेला। अतुल कास्वेकर (फोटोग्राफर) पहले इंसान थे, जिन्होंने मेरे माता-पिता को कहा कि मुझे मुंबई आना चाहिए।"
दीपिका ने आगे कहा था, "फराह उस वक्त 'ओम शांति ओम' बना रही थीं और उन्हें न्यूकमर की जरूरत थी। वे किसी भी स्थापित अभिनेत्री को फिल्म में ले सकती थीं, लेकिन उन्होंने न्यूकमर को चुना। उन्होंने मेरे सभी विज्ञापन देखे और तय किया कि मैं रोल के लिए परफेक्ट हूं। तब वे मुझे जानती तक नहीं थीं। उन्होंने मुझे विज्ञापनों में देखा और शाहरुख के अपोजिट कास्ट करने का रिस्क ले लिया।"
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