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डेब्यू से पहले तीन सालों तक दर्जनों फिल्मों से निकाली गई थीं विद्या बालन, साउथ इंडस्ट्री के लोगों ने समझ लिया था मनहूस
शकुंतला देवी, भूल भुलैया और कहानी जैसी बेहतरीन फिल्मों से अपनी जबरदस्त एक्टिंग का लोहा मनवाने वाली विद्या बालन आज पूरे 42 साल की हो चुकी हैं। आज जहां एक्ट्रेस बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन एक्ट्रेस में से एक हैं वहीं एक समय ऐसा भी था जब विद्या को लगातार तीन सालों तक रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था। एक्ट्रेस ने परिवार और मुश्किलों का सामना कर आखिरकार इंडस्ट्री में पहचान बना ही ली। आइए जानते हैं कैसा था विद्या का संघर्ष के बाद कामयाबी पाने का सफर-
विद्या ने महज 16 साल की उम्र में एकता कपूर के शो हम पांच से पहचान हासिल की थी। नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखने वाली विद्या को हमेशा से ही एक्टिंग में दिलचस्पी थी हालांकि उनका परिवार इसके खिलाफ था। सबसे पहले विद्या को टीवी शो ला बैला से अपना हुनर दिखाने का मौका मिला लेकिन ये शो शुरू होने के कुछ महीनों बाद ही बंद हो गया। मुंबई मिरर को दिए एक इंटरव्यू में विद्या में बताया कि शायद शो बंद होने के बाद उनके परिवार वालों ने राहत की सांस ली होगी और कहा होगा कि चलो अभी तो भूत उतर जाएगा। लेकिन विद्या पीछे हटने वालों में से नहीं थीं।
विद्या बालन को मनहूस समझने लगे थे साउथ इंडस्ट्री के लोग
हम पांच शो खत्म होने के बाद अनुराग बासु ने उन्हें टीवी सोप ओपेरा का ऑफर दिया लेकिन एक्ट्रेस ने फिल्मी दुनिया में शामिल होने की ख्वाहिश के चलते ऑफर ठुकरा दिया। मास्टर डिग्री पूरी करने के दौरान विद्या को मलयालम फिल्म चक्रम मिली जिसमें उनके साथ पॉपुलर एक्टर मोहनलाल लीड रोल में थे। प्रोडक्शन में हुई गड़बड़ के चलते फिल्म को रोक दिया गया। फिल्म रुकने पर सबने विद्या को दोषी ठहराया। फिल्म के प्रोड्यूसर ने विद्या को मनहूस कहते हुए फिल्म से रिप्लेस कर दिया।
तीन साल तक किया रिजेक्शन का सामना
मलयालम फिल्म के बुरे एक्सपीरियंस के बाद विद्या ने अपना फोकस तमिल फिल्मों की तरफ कर लिया। उन्हें एन लिंगुस्वामी की फिल्म रन में लीड रोल निभाने का मौका मिला हालांकि पहले शेड्यूल के बाद ही उन्हें फिल्म से हटा दिया गया था। इसके बाद उन्हें तीसरी तमिल फिल्म मनासेलम मिली। लेकिन डायरेक्टर के विद्या के काम से संतुष्ट ना होने पर उन्हें इस फिल्म से भी निकाल दिया गया। तीन नाकाम डेब्यू की कोशिश के बाद विद्या को मलयालम फिल्म कलारी विक्रमन मिली लेकिन ये फिल्म पूरी होने के बावजूद रिलीज नहीं हो सकी।
परिणीता फिल्म से मिली पहचान
कई नाकाम कोशिशों के बाद विद्या ने बंगाली फिल्म भालो ठेको से साल 2003 में एक्टिंग करियर की शुरुआत की जिसके लिए उन्हें आनंदलोक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस फिल्म में एक्ट्रेस की बेहतरीन अदाकारी देखने के बाद डायरेक्टर प्रदीप सरकार ने उन्हें परिणीता फिल्म का ऑडीशन देने के लिए कहा। फिल्म के प्रोड्यूसर विदु विनोद चोपड़ा इस फिल्म के लिए एक अनुभवी बॉलीवुड एक्ट्रेस की तलाश में थे लेकिन बाद में वो विद्या की लगन देखकर राजी हो गए। पहली ही फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट फीमेल डेब्यू के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया। इसके बाद विद्या के करियर ने रफ्तार पकड़ ली और आज वो इंडस्ट्री की सबसे टैलेंटेड एक्ट्रेस में से एक हैं।
बॉडी शेमिंग से परेशान होकर छोड़ना चाहती थीं इंडस्ट्री
इंडस्ट्री में पहचान बनाने के बाद विद्या लगे रहो मुन्ना भाई, किस्मत कनेक्शन और सलाम ए इश्क जैसी कई फिल्मों में नजर आ चुकीं हैं। इन फिल्मों में उनके बढ़े हुए वजन और पहनावे के चलते उन्हें काफी ट्रोल किया जाता था। कई बार एक्ट्रेस बॉडी शेमिंग का भी शिकार हो चुकी हैं। लगातार लोगों की नेगेटिव बातें सुनकर एक बार विद्या ने हमेशा के लिए इंडस्ट्री को अलविदा कहने का मन बना लिया था हालांकि उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद से ही विद्या ने महिलाओं पर बनी फिल्में करनी शुरू कीं जिनमें कहानी, भूल भुलैया, मिशन मंगल और शकुंतला देवी जैसी फिल्में शामिल हैं।
हौसलों से बनीं इंडस्ट्री का जाना माना चेहरा
अपने संघर्ष के दिनों पर बात करते हुए विद्या ने एक इंटरव्यू में कहा, मुझे तीन सालों तक रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था। कई रातें ऐसी भी थीं जब मैं रोते हुए सोती थी लेकिन अगली सुबह मैं जागती थी, हंसती थी और उम्मीद करती थी कि कुछ अच्छा जरूर होगा, और ऐसे ही मुझे परिणीता फिल्म मिली।
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