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रिया चक्रवर्ती द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की बहनों के खिलाफ लगाई याचिका के जवाब में CBI ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपना जवाब सबमिट किया। इसमें जांच एजेंसी ने रिया की शिकायत को अटकलों पर आधारित बताया। साथ ही कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के 90 दिन बाद उनकी बहनों मीतू और प्रियंका के खिलाफ रिया का FIR करना उनकी विश्वसनीयता पर संदेह पैदा करता है।
'सुशांत की बहनों के खिलाफ हुई FIR रद्द की जाए'
CBI ने हाईकोर्ट से अपील की है कि वे सुशांत की दोनों बहनों के खिलाफ हुई FIR को रद्द कर दें। साथ ही कहा कि मुंबई पुलिस द्वारा रिया की FIR रजिस्टर करना पूरी तरह कानून की अवहेलना है। जांच एजेंसी ने कहा, "रिया की ओर से यह शिकायत सिर्फ सुशांत की मौत की जांच को प्रभावित करने के इरादे से की गई है।"
'सामान तथ्यों पर दूसरी FIR करना गलत'
CBI के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल यादव ने अपने जवाब में कहा कि मुंबई पुलिस को पटना पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के बारे में पता था। उन्हीं तथ्यों के आधार पर दूसरी FIR दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं थी।
यादव ने कहा, "समान तथ्यों और कार्रवाई के कारण के आधार पर एक और FIR रजिस्टर करना न तो वारंटेड है और न ही कानून इसकी अनुमति देता है।"
मीतू-प्रियंका ने लगाई FIR रद्द करने की याचिका
रिया चक्रवर्ती ने पिछले महीने मुंबई पुलिस में मीतू और प्रियंका के खिलाफ FIR की थी। इसमें उन्होंने उन पर उनके ब्वॉयफ्रेंड (सुशांत) की एंग्जाइटी की दवाओं के लिए फेक प्रिस्क्रिप्शन बनवाने का आरोप लगाया था। बाद में यह FIR CBI को ट्रांसफर कर दी गई। मीतू और प्रियंका ने इसी FIR के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
रिया कर रही FIR रद्द करने का विरोध
रिया ने प्रियंका और मीतू की याचिका विरोध किया है। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में सबमिट किए अपने जवाब में कहा है कि सुशांत की बहन प्रियंका और राम मनोहर लोहिया दिल्ली के डॉ तरुण कुमार ने बिना किसी परामर्श के अवैध रूप से मेंटली डिसीज से जुड़ी दवाएं सुशांत को दी थीं।
रिया के मुताबिक, प्रियंका ने 8 जून को वॉट्सऐप के जरिए नैक्सिटो, लिब्रियम और लोनजेप एमडी जैसी दवाएं लेने कहा था। NDPS एक्ट के तहत ये तीनों ही दवाएं साइको-ट्रॉपिक सबस्टेंस से बनती हैं।
रिया ने यह दावा भी किया है कि जो शिकायत प्रियंका के खिलाफ दर्ज की गई है, उसकी पूरी जांच की जाए क्योंकि इन दवाओं को लेने के एक हफ्ते के बाद ही सुशांत की मौत हो गई थी।
4 नवंबर को होगी प्रियंका-मीतू की याचिका पर सुनवाई
रिया ने दावा किया है कि ये आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, इसलिए जांच एजेंसी को मामले की जांच करने का पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए। जिसके लिए FIR रद्द करने लगाई गई याचिका को खारिज किया जाना जरूरी है। बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की बेंच प्रियंका और मीतू की याचिका पर 4 नवंबर को सुनवाई करेगी।
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