Skip to main content

रिसॉर्ट से कम नहीं है यह सरकारी अस्पताल, युवा डॉक्टर ने बदली तस्वीर



डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/ पांढुर्ना।  पांढुर्ना विकासखंड के ग्राम मांगुरली का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अपनी सुंदरता, स्वच्छता और सुविधाओं से मरीजों के अलावा राहगीरों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। मांगुरली में मौजूद स्वास्थ्य केन्द्र को अन्य सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों से अलग बनाने का काम यहां पदस्थ डॉ.नितिन उपाध्याय ने किया है। डॉ.नितिन के साथ यहां के स्टाफ की मेहनत से यह स्वास्थ्य केन्द्र एक मॉडल बन गया है।
अस्पताल को मॉडल बनाने के लिए यहां कई छोटे-मोटे बदलाव करते हुए गार्डन से लेकर अस्पताल भवन की कई जरूरतों को व्यवस्थित किया गया है। गार्डन में हरियाली के लिए विविध प्रकार के पौधे लगाए गए है। भवन की मरम्मत के अलावा वाटर हार्वेस्टिंग प्रकल्प लगाकर पानी सहेजने का काम भी किया है। इस पर बहुत अधिक पैसे खर्च करने के बजाय डॉ.नितिन ने अपने बड़े भाई के वेयर हाउस में पड़ी अनुपयोगी चीजों और बाजार से खरीदकर लाई कुछ चीजों का इस्तेमाल किया। अस्पताल के अंदर दीवारों और गार्डन में तख्तियों पर पेंटिंग और स्लोगन लिखकर संदेश भी दिए है।
डॉ.नितिन उपाध्याय बताते है कि तीन साल पहले यहां पदस्थ होने के बाद सबसे पहले अस्पताल की बुनियादी जरूरतों और मरीजों के लिए जरूरी होने वाली चीजों पर काम किया। अस्पताल की सफाई और स्वच्छता पर ध्यान दिया। ओपीडी से लेकर ऑफिस रूम, दवाई कक्ष, ड्रेसिंग रूम, भर्ती कक्ष, टॉयलेट आदि बुनियादी चीजों को व्यवस्थित किया। गार्डन को आकर्षित बनाने यहां कई प्रजातियों के पौधे लगाए।
सुकून में मिलता है -
डॉ.नितिन ने गार्डन के बीचों-बीच एक कॉटेज बनाया है, जिसे सुकून नाम दिया है। डॉ.नितिन का कहना है कि अस्पताल में आए मरीजों और अन्य लोगों को यहां बैठकर सुकून मिले, इसके लिए यह बनवाया है। गार्डन की दीवारों पर संदेश देने वाले विविध चित्र तैयार किए गए है। वे कहते है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए गांव के पास सरकारी अस्पताल ही एकमात्र सहारा है, ऐसे में उन्हें बेहतर सेवाएं देने के लिए यह छोटा-सा प्रयास किया है। जिसके सफल होने और प्रशंसा मिलने से खुशी मिल रही है।
शासन की राशि का किया सही उपयोग-
यहां की व्यवस्थाओं को देखकर हर कोई इसके अस्पताल होने का एहसास ही छोड़ देता है। एसडीएम सुश्री मेघा शर्मा ने भी केन्द्र का दौरा करते हुए व्यवस्थाओं को सराहा और डॉ.नितिन के प्रयासों की प्रशंसा की। एसडीएम ने मांगुरली पीएचसी के किसी रिसॉर्ट से कम नही होने की भी बात कही। सरकारी अस्पतालों के मरम्मत और रखरखाव के लिए शासन से मिलने वाले रुपयों के सही इस्तेमाल से मांगुरली स्वास्थ्य केन्द्र लोगों को सुविधाओं के साथ-साथ राहत प्रदान करने का काम कर रहा है।



.Download Dainik Bhaskar Hindi App for Latest Hindi News.
.
...
This government hospital is no less than a resort, the young doctor changed the picture
.
.
.


from दैनिक भास्कर हिंदी https://ift.tt/2YPKpZf

Comments

Popular posts from this blog

Yoga Session: कमर और रीढ़ की हड्डियों को ठीक रखेंगे 3 योगाभ्‍यास, सभी परेशानियां हो जाएंगी दूर

Yoga Health Benefits: योगाभ्‍यास हमारी सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है. अगर हम नियमित रूप से योगाभ्‍यास करें तो इससे शरीर मजबूत और लचीला बनता है. कुछ आसाना योगासन पीठ, कमर, गर्दन की कई समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं. इस बारे में विस्तार से जान लीजिए. from Latest News हेल्थ & फिटनेस News18 हिंदी https://ift.tt/diUZe2T

Pokemon GO खेलने वाले जान लीजिए क्या होता है शरीर का फायदा?

Google पोकेमोन गो की रिहाई के परिणामस्वरूप, कुछ समय के लिए, डिजिटल जीवों के शिकार पर कुछ जगहों के आसपास मिलते-जुलते लोगों की भीड़ में, उनके चेहरे के सामने फोन करते थे कुछ लोगों ने इस खेल को सार्वजनिक उपद्रव के रूप में दिखाया, लेकिन कई लोगों ने इसे बचाया, इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि ये लोग सोफे पर घर पर बैठने के बजाय आसपास घूम रहे थे। केंट स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के एक हालिया अध्ययन ने एक नए स्तर पर यह अवलोकन किया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए संख्याएं क्रंच कर रही हैं कि पॉकेमोन गो वास्तव में एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देता है। यह एक वर्ष रहा है जब से पॉकेमोन गो को जारी किया गया था और खेल अभी भी मजबूत हो रहा है। अधिकांश मोबाइल गेम्स के विपरीत, यह एक ऐसा खिलाड़ी है जो न केवल खड़े होकर आगे बढ़ने के लिए मजबूर करता है, लेकिन सक्रिय रूप से विभिन्न स्थानों पर चलना है। कई खिलाड़ियों ने पोकेमोन के लिए शिकार करते समय एक दिन में लंबी दूरी चलने की रिपोर्ट की। अभ्यास का प्रसार करने के लिए गेम का कितना प्रभाव था, यह आकलन करने के लिए, शोधकर्ताओं ने 350 कॉलेज छात्रों के गतिविधि स्...

डयबटज क हर छठ मरज क आख खतर म डयबटक रटनपथ बन रह अध सरव रपरट म खलस

Diabetic Retinopathy in India: डायबिटीज के मरीजों में डायबिटिक रेटिनोपैथी की वजह से अंधापन बढ़ रहा है. नेशनल डायबिटिक रेटिनोपैथी सर्वे इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 90 फीसदी लोग डाय‍िबिटीज होने के बावजूद आंखों की जांच ही नहीं कराते. from Latest News हेल्थ & फिटनेस News18 हिंदी https://ift.tt/8lZQh3P