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भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां:भारत का राष्ट्रपति देश का संवैधानिक मुखिया होता है। संविधान में इस सर्वोच्च पद को कई शक्तियां और अधिकार दिए गए हैं। सबसे पहले बात करते हैं कार्यपालिका को लेकर शक्तियों की। संविधान के मुताबिक संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है और वह अपनी इस शक्ति का इस्तेमाल केंद्रीय मंत्रिमण्डल के जरिए करता है।
राष्ट्रपति की शक्तियां के पांच इस प्रकार है:
1. कार्यकारी शक्तियां: प्रशासनिक शक्तियां,नियुक्ति सम्बंधित शक्तियां, विदेशी संबंधो में भूमिका, देश की तीनों सेनाओं के सेनापति की भूमिका।
2.वैधानिक शक्तियां: लोकसभा और राज्य-सभा मे सदस्यों को मनोनीत करने की शक्ति, अध्यादेश लागू करने शक्तियां।
3.वित्तीय शक्तियां: वित्तिय बजट के प्रस्तुतिकरण को सुनिश्चित करना, केंद्र और राज्यों के बिच आय बांटने के लिए फाइनेंस कमीशन नियुक्त करने की शक्ति, देश में धन की संभावनाओ सम्बन्धी निर्णय लेने की शक्ति।
4.न्यायिक शक्तियां:किसी पेटिशन पर किसी अपराधी को माफ करने,उसकी सजा कम करने की शक्तियां।
5.आपातकालीन शक्तियां: युद्ध, आंतरिक या ब्राह्य सैन्य विद्रोह के समय, किसी राज्य में संवैधानिक प्रणाली के विफल होने पर आये आपातकालीन मैं, देश में वित्तीय संकट आने पर, राष्ट्रपति अपनी आपातकालीन शक्तियां का प्रयोग करतें है।
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